Thyroid Disease: महिलाओं में थायराइड के लक्षण, कारण और उपाय

Thyroid Disease: महिलाओं में थायराइड के लक्षण, कारण और उपाय

thyroid disease

Thyroid Disease

थायराइड, गले में स्थित एक छोटी ग्रंथि होती है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है। यह महिलाओं में हार्मोनल के बदलाव, गर्भावस्था और मासिक धर्म के कारण अधिक होती है। थायराइड के दो प्रकार होते हैं: हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyroidism), जिसमें हार्मोन का उत्पादन कम होता है, और हाइपरथायराइडिज्म (Hyperthyroidism), जिसमें यह अधिक होता है। इसके लक्षणों में वजन बढ़ना, थकावट, बाल झड़ना, बेचैनी, और दिल की धड़कन तेज होना शामिल हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार, योग, तनाव प्रबंधन, और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली इसे रोकने में मददगार होती है।

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थायराइड के प्रकार

थायराइड के दो प्रमुख प्रकार हैं: हाइपोथायराइडिज्म और हाइपरथायराइडिज्म

 

    1. हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyroidism): को अंडरएक्टिव थायरॉयड भी कहा जाता है। इसमें थायराइड की ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बना पाती। इसके कारण थकावट, वजन बढ़ना, ठंड लगना, और त्वचा का रूखा हो जाना जैसे लक्षण सामने आते हैं।

    1. हाइपरथायराइडिज्म (Hyperthyroidism): को अतिसक्रिय थायरॉयड भी कहा जाता है. इसमें थायराइड की ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हार्मोन बना देती है। इसके कारन तेजी से वजन घटना, दिल की धड़कन तेज होना, और अत्यधिक पसीना आना शामिल हैं।

 

थायराइड के लक्षण

हाइपोथायराइडिज्म के लक्षण

 

    • हर वक्त थकावट महसूस होना।

    • वजन अचानक बढ़ जाना।

    • बालों का ज्यादा झड़ना।

    • मासिक धर्म अनियमित और दर्दनाक होना।

    • त्वचा का रुखा और खुश्क हो जाना।

    • मूड स्विंग्स और डिप्रेशन।

    • ठंड महसूस होना, भले ही मौसम सामान्य हो।

    • कब्ज की समस्या।

हाइपरथायराइडिज्म के लक्षण

 

    • बिना कोशिश वजन घट जाना।

    • बेचैनी और घबराहट महसूस होना।

    • दिल की धड़कन तेज या अनियमित होना।

    • नींद न आना।

    • ज्यादा पसीना आना।

    • आंखों में सूजन या दृष्टि धुंधली होना।

    • भूख में वृद्धि।

    • बाल पतले और कमजोर हो जाना।

थायराइड के कारण

थायराइड का विकार एक सामान्य समस्या है जो शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है। यह तब होता है जब थायराइड ग्रंथि ज्यादा या कम हार्मोन उत्पादन करने लगती है। यदि थायराइड ग्रंथि ज्यादा हार्मोन बनाती है, तो उसे हाइपरथायरायडिज्म कहते हैं, और यदि कम बनाती है, तो हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं। हाइपरथायरायडिज्म में शरीर के मेटाबोलिज्म की गति तेज हो जाती है, जिससे अत्यधिक पसीना आना, वजन कम होना, दिल की धड़कन तेज होना जैसी समस्याएं होती हैं। वहीं, हाइपोथायरायडिज्म में मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे वजन बढ़ना, थकान महसूस होना, बाल झड़ना जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसके अलावा, थायराइड के कारण उच्च रक्तचाप, मानसिक तनाव और त्वचा संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। यदि सही समय पर उपचार न किया जाए, तो यह और जटिल हो सकता है।

थायराइड का समाधान

1. संतुलित आहार

थायराइड के लिए संतुलित आहार में आयोडीन, सेलेनियम और जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए। समुद्री मछली, शंख, और शैवाल आयोडीन के अच्छे स्रोत हैं, जबकि नट्स, बीज, और हरी पत्तेदार सब्जियां सेलेनियम और जिंक प्रदान करते हैं। साथ ही, ताजे फल, जैसे बैरीज़ और ब्रोकोली, शरीर को एंटीऑक्सीडेंट्स देते हैं। थायराइड की समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए डिब्बाबंद खाना और तला-भुना खाद्य पदार्थों से बचना जरूरी है। संतुलित आहार थायराइड को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

2. योग और व्यायाम

थायराइड के लिए योग और व्यायाम बहुत फायदेमंद हैं। नियमित योग और व्यायाम से थायराइड हार्मोन का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। सूर्य नमस्कार, सिरसासन, और प्राणायाम जैसे योग आसन थायराइड ग्रंथि के कार्य को उत्तेजित करते हैं और मानसिक तनाव को कम करते हैं। व्यायाम से मेटाबोलिज्म सुधरता है, जिससे वजन नियंत्रण में रहता है। यह थायराइड से जुड़ी समस्याओं जैसे थकान और डिप्रेशन को भी कम करने में सहायक होता है।

3. तनाव कम करें

तनाव कम करने के लिए सबसे पहले ध्यान और प्राणायाम जैसे योगाभ्यास को अपनाना चाहिए, जो मानसिक शांति प्रदान करते हैं। शारीरिक व्यायाम, जैसे दौड़ना, चलना या स्विमिंग, शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। समय-समय पर आराम और अच्छी नींद भी तनाव को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा, संतुलित आहार, हंसी, और अपनी भावनाओं को किसी भरोसेमंद व्यक्ति से साझा करना भी मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक होता है।

4. डॉक्टर की सलाह

थायराइड के लिए डॉक्टर की सलाह पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। डॉक्टर ने मुझे नियमित रूप से थायराइड की जांच करवाने को कहा, ताकि हार्मोन का स्तर सही रहे। उन्होंने आयोडीन और सेलेनियम से भरपूर संतुलित आहार लेने की सलाह दी, जैसे मछली, नट्स और हरी सब्जियां। दवा को समय पर और खाली पेट लेने की बात भी बताई। इसके अलावा, योग और हल्के व्यायाम करने को कहा, ताकि तनाव कम हो और मेटाबोलिज्म सही रहे। डॉक्टर की सलाह से थायराइड की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

5. जीवनशैली में बदलाव

थायराइड की समस्या से निपटने के लिए मैंने अपनी जीवनशैली में कई बदलाव किए। सबसे पहले, मैंने अपनी डाइट में आयोडीन, सेलेनियम, और जिंक से भरपूर चीजें जैसे मछली, नट्स, और सब्जियां शामिल कीं। नियमित योग और सुबह की सैर को दिनचर्या का हिस्सा बनाया, जिससे तनाव कम हुआ और मेटाबोलिज्म बेहतर हुआ। तला-भुना और प्रोसेस्ड फूड से पूरी तरह बचने लगा। साथ ही, समय पर दवाएं लेने और रात में पूरी नींद लेने पर ध्यान दिया। इन बदलावों से मेरी थायराइड की समस्या काफी नियंत्रित हो गई।

घरेलू उपाय

 

    1. धनिया का पानी:

 

    • एक चम्मच धनिया को रातभर पानी में भिगोकर रखें और सुबह इसे छानकर पिएं।

 

    1. अदरक:

 

    • अदरक का सेवन करें। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।

 

    1. गिलोय:

 

    • गिलोय का रस प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और थायराइड को नियंत्रित करता है।

 

    1. तुलसी और एलोवेरा:

 

    • तुलसी के पत्तों और एलोवेरा का रस मिलाकर सेवन करें।

 

    1. अश्वगंधा:

 

    • अश्वगंधा थायराइड हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करती है।

डॉक्टर से कब मिलें?

अगर ये समस्याएं बार-बार हो रही हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें:

 

    • अचानक वजन बढ़ना या घटना।

    • लगातार थकावट महसूस होना।

    • दिल की धड़कन में गड़बड़ी।

    • मासिक धर्म में लंबे समय तक अनियमितता।

    • गले में सूजन या दर्द।

    • निगलने या बोलने में परेशानी।

निष्कर्ष

थायराइड की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही समय पर जांच, संतुलित आहार, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आपको लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। याद रखें, शरीर आपका सबसे बड़ा साथी है, इसे स्वस्थ रखना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।

थायराइड को नियंत्रित रखने के लिए अनुशासन और नियमितता सबसे जरूरी है। ध्यान, योग, और सही खानपान से न सिर्फ थायराइड बल्कि समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।

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